
अमेरिका के उप राष्ट्रपति जेडी वेंस ने बुधवार को एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि यदि रूस और यूक्रेन के बीच कोई शांति समझौता होता है, तो उसके बाद यूक्रेन को दी जाने वाली सुरक्षा गारंटी के खर्च का मुख्य जिम्मा यूरोपीय देशों को उठाना होगा।
वेंस ने दो टूक कहा कि अमेरिका इस पर बार-बार अपना रुख साफ कर चुका है, और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले ही यूरोपीय देशों को इस दिशा में जिम्मेदारी लेने के लिए कह चुके हैं।
NATO मीटिंग में सुरक्षा गारंटी पर चर्चा
NATO के सैन्य कमांडरों ने हाल ही में वॉशिंगटन में एक महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें रूस-यूक्रेन युद्ध के संभावित अंत के बाद यूक्रेन को सुरक्षा देने के रोडमैप पर चर्चा की गई।
बैठक में यह सवाल भी उठा कि अगर रूस शांति प्रक्रिया को लंबा खींचने की रणनीति अपनाता है, तो उस स्थिति में NATO और पश्चिमी देश कैसे प्रतिक्रिया देंगे।
यूक्रेनी प्रतिक्रिया: ‘हम तैयार हैं’
यूक्रेन के प्रमुख अधिकारी आंद्रे यरमाक ने कहा कि उनकी टीम न सिर्फ शांति समझौते की तैयारी कर रही है, बल्कि इस पर भी काम कर रही है कि रूस की संभावित चालबाज़ियों से कैसे निपटा जाए।
यरमाक के अनुसार, युद्ध के बाद की सुरक्षा गारंटी का सवाल यूक्रेन की राष्ट्रीय सुरक्षा और स्वतंत्रता से जुड़ा है।

‘अमेरिका नहीं देगा पूरा खर्च’
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इससे पहले यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की से मुलाकात में यह स्पष्ट कर दिया था कि यदि कोई शांति समझौता होता है, तो अमेरिका सहयोग करेगा — लेकिन मुख्य बोझ यूरोप का होगा।
“हम मदद करेंगे, लेकिन अब अमेरिका अकेले वॉर बिल नहीं चुकाएगा,” – ट्रंप ने ज़ेलेंस्की से कहा।
यूरोप पर बढ़ा दबाव
जेडी वेंस का यह बयान उस दिशा की ओर इशारा करता है जहां अमेरिका अब “America First” नीति के तहत बाहरी खर्चों में कटौती चाहता है। इससे स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में यूरोपीय देशों पर रणनीतिक दबाव और बढ़ेगा — उन्हें न केवल यूक्रेन का समर्थन, बल्कि उसकी भविष्य की सुरक्षा में भी प्रमुख भूमिका निभानी होगी।
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